फार्म में पशु लाने की कवायद लगभग 1 महीना लंबी होती है जिसमे हमे इस बात की सावधानी बरतनी पड़ती है की कोई जानलेवा बीमारी फार्म में प्रवेश ना कर जाए जिससे पुराने पशुओ को भी नुकसान पहुँचे और नये पशुओ का भी नुकसान हो.
Before introducing new animals on the farm certain precautions have to be taken. Process of introducing new animals on the farm might be 1 month long in which we have to take care so that we can save the farm from some unknown deadly disease.
एक बार यह निर्णए लेने के बाद की कौन सी प्रजाति या नस्ल फार्म में लानी है और कहाँ से ख़रीदनी है, पशु को फार्म में लाने की कार्यवाही शुरू हो जाती है, इसे चरण बद्ध तरीके से करना होता है और छोटी सी असावधानी बड़ी हानि का कारण बनती है|
Once you have chosen the breed for your farm and taken the decision to bring them in farm, you should start process of introduction of animals on to the farm. This has to be done in a stepwise manner because stakes are high and small mistakes could do larger damage before starting or expanding the farm.
नये पशुओ में मुख्यत ये बीमारिया आ जाती है PPR, FMD, HS, ET, Lice and Ticks इनकी रोकथाम फार्म प्रबंधन के रूप में कीजाती है| नीचे दिए गये कॅलंडर में पशु फार्म में लाने से 10 दिन पहले से और फार्म में लाने के 21 दिन बात तक की सावधानिया बताई गयी हैं|
Frequently following diseases like PPR, FMD, HS, ET, Lice and Ticks could enter in farm with introduction of new animals. Proper management strategies have to implement to prevent these diseases. in following calender day wise management practices have been given which start 10 days before to 21 days after the introduction of animals in the farm.
दिनों के हिसाब से प्रबंधन तालिका – Day wise management schedule
यह बात कहने की आवश्यकता नहीं है की सभी बकरियां अच्छी तरह देख भाल के हष्ट पुष्ट और तंदरुस्त लेनी चाहिए, बकरी की कद काठी कैसी भी अच्छी हो यदि वो बीमार है तो फार्म में न लाये और न ही कोई वैक्सीन दें| अच्छी बकरी की पहचान कैसे होती है उसके लिए यहाँ क्लिक करे|
फार्म में लाने से 10 दिन पहले: Fenbendazole दवाई से deworming कर लें | यह मार्किट में पेनाक्युर के नाम से मिलती है 150 मिलीग्राम की गोली 30 किलो की बकरी के लिए काफी होती है, यह पानी में घुलनशील होती है इसे पानी में घोलकर भी पिलाया जा सकता है|
10 days before introducing animals: Give Oral Tablet of Fenbendazole to all the animals. Use it at 5mg per Kg body weight. For 30Kg goat 1 tablet of 150mg is sufficient. Panacur is good brand and it is water dispersible, which can be used. Normal feeding should be done.
फार्म में लाने से 8 दिन पहले: PPR टीकाकरण – 1 एम्एल एक बकरी को लगाये या वैसे इस्तेमाल करे जैसे निर्देश दिए गए हों| यह वैक्सीन ग्याभन बकरियों में भी दी जा सकती है|
8 days before introducing animals: Inject PPR vaccine 1ml per goat sub cutaneous as per instructions given for PPR vaccination. Normal Feeding should be done. This vaccine can be given in pregnant animals.
फार्म में लाने 7 दिन पहले: Vitamin E & Se 3ml इंजेक्शन
7 days before introducing animals: Inject 3ml Vitamin E & Se injection (Ecare Se could be used). Normal Feeding should be done.
फार्म में लाने से 6 दिन पहले से यात्रा के दिन तक: साधारण चारा और हल्का दाना देते रहें और साथ ही पानी में Polybion/Groviplex सीरप देते रहें (5 to 8ml एक बकरी को यह पानी में भी मिला सकते हैं)
6 days before introducing animals: Normal feeding along with some grains 100g per goat and give polybion or groviplex syrup 5 to 8ml per goat, it can be dissolved in water
यात्रा का दिन: पशुओ को ट्रक में लोड करने से पहले (गुड नमक सोडा और विटामिन) का पानी पिला लें और 3ml Vitamin E & Se का इंजेक्शन लगा दें; यदि यात्रा 300Km से ज़्यादा की है तो 4ml OTC LA /फोरटिवीर और टोल्फिन 3ml; बकरियो की फार्म में लाने की यात्रा जहाँ तक संभव हो रात के समय में ही की जाए; जिस ट्रक में बकरियो को लाया जाए उसमे पुआल की व्यवस्था की जाए और TATA 407 जैसी गाड़ी में 50 से अधिक बकरिया ना भरें; यात्रा के दौरान हर 3 घंटे बाद ट्रक रोक कर पानी पिलाना चाहिए (साफ बिना दवाई का पानी पिलाया जा सकता है) अगर हो सके तो बकरियों को तर्कक से उतार कर थोड़ा बहुत टहला लें
Day or Journey: Before loading animals in truck offer them water in which gud, soda salt and polybion is mixed, (20g gud, 1g salt, 2g soda and 2ml polybion in one liter water). If journey is more than 300Km then inject animals with 4ml OTC LA or Fortivir and Tolfin 3ml; it should be remember that goats should travel in cool night time (except in winters when nights are extremely cold); the truck in which you are carrying goats should have sufficient bedding material and in TATA 407 no more than 50 goats should be carried; during travel after every 3hrs normal clean water should be offered, if possible bring down goats and allow them some grazing.
फार्म में आकर: सबसे पहले पानी पिलाए और हल्का दाना और लूम की पत्ती या दलहन का भूसा खाने को दें. पानी में गुड नमक सोडा मिला लें. हरा चारा देने से दस्त लग सकते है; यदि पशु को दस्त लगते हैं तो 8 से 10 ग्राम Septima की दी जा सकती है; फार्म में नये पशुओ को पुराने पशुओ से बिल्कुल अलग रखना चाहिए
On farm arrival: first of all animals should be offered clean fresh water, gud salt and soda could be add in water. After that some dry fodder like chana or guar bhusa or loom pati should be offered. Avoid grain feeding for few days. Green fodder may cause diarrhea. If you observe loose feces then 8-10g Septima (or 1 CIPLIN DS 800mg available on human medical).
फार्म में दूसरा दिन: यदि पशुओ को लाने से पहले पेट के कीड़ो की दवाई नही दी है तो अब दे दें; Closantel दवाई से deworming कर लें, यह कोशिश करे की पशु किसी खुली जगह में विचरण करें और हल्का चारा देते रहें|
Second day in farm: If animals were not given dewormer before then it should be provided now; in non-pregnant animals closantel (10mg per kg B.wt) can be given but in pregnant animals fenbendazole should be given. Animals should be allowed to roam in free space and give normal dry fodder.
फार्म में तीसरा दिन: तीसरे दिन पशुओ की भली भाँति जाँच करे और देखें की खुर अधिक बढ़े हुए ना हो, थनो में खिचाव तो नही है, खाल में किल्लिया या जुए तो नही है, या और किसी बीमारी के लक्षण जैसे बुखार, दस्त, आँखें सूजना, दिखे तो तुरंत आवश्यकता अनुसार इलाज करें.
Third day in farm: On 3rd day closely observe all the animals and specifically look at hooves they should not be over grown, there should not be strain in the udders and should not have overt symptoms like fever, diarrhea, watery eyes, running nose. If you see such things call upon vet or provide necessary first aid. Normal feeding with dry fodder should be continued.
फार्म में चौथा दिन: चौथे दिन सभी जनवरो को एक अस्थाई पहचान संख्या दे दें और उसकी छाती की पेमाइश कर लें उस पेमाइश को cm में लिख लें और वज़न वाली तालिका से पशु का वज़न लिख लें. नार्मल सूखा चारा देते रहें और अब थोड़ा अनाज या कंसन्ट्रेट फीड भी शुरू करें जैसे जौ, मक्का या गेहूं का दलीया
Fourth day in farm: On 4th day all animals should be provided with temporary identification number. Take chest size with measuring tape and note down in cm. This should be tally with chest size and weight table and note weight of all animals. Normal feeding with dry fodder should be continued and you can provide some barley or maize or grounded wheat.
फार्म में सातवा दिन: सातवे दिन अगर सब कुछ ठीक रहे और अधिकतर पशु स्वस्थ दिखे (अधिकतर मतलब 80% से ज़्यादा) और बकरियो को फार्म में लाने से पहले PPR का vaccination नही किया गया था तो सातवे दिन PPR का टीका आवश्या लगा दें.
Seventh day in farm: On 4th day all animals should be provided with temporary identification number. Take chest size with measuring tape and note down in cm. This should be tally with chest size and weight table and note weight of all animals.
फार्म में आठवा दिन: यदि PPR का टीका पहले नहीं लगा है तो अब लगा दें आठवे दिन से मिनरल मिक्स्चर और एंजाइम – मोनेंसिन देना भी शुरू कर सकते हैं और दाने की मात्रा भी थोड़ी बढ़ा दें| नार्मल फीडिंग करते रहें|
Eighth day in farm: On 8th day PPR vaccine could be given if not injected before. This vaccine can be given in pregnant animals. From this day mineral mixture, enzymes and monensin could be given with feed. Grain or concentrate can be increase and keep continue normal feeding.
फार्म में सोलवा दिन: यदि PPR का टीका पहले लग चुका है तो सॉलवे दिन Raksha Tri O Vac का टीका लगा दें. दो वैक्सीन के बीच में 21 दिन का फासला रखना चाहिए|
Sixteenth day in farm: if PPR vaccine had been given before bringing in farm then in 16th day Raksha Tri O Vac vaccine could be given (it contain FMD, HS and BQ vaccine). Gap between 2 vaccines should be atleast 21 days.
फार्म में इक्कीस्वा दिन: यदि कोई गंभीर बीमारी या और कोई लक्षण ना दिखे तो इक्कीसवे दिन नये पशुओ को पुराने पशुओ में मिला सकते हैं और वैसा ही रखरखाव करें जैसा पुराने पशुओ का किया जाता है.
Twenty first day in farm: If animal do not shows signs or symptoms of any disease then on 21st new animals could be mixed with old animals or start new farm with such animals.
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