क्या ब्रायलर फार्मर अपना फीड बनाना चाहिए ? फार्मर के कन्फ्यूज़न का समाधान
दोस्तों कोरोना के बाद पोल्ट्री इंडस्ट्री में जो सबसे बड़ा बदलाव आया है वो ये है की सब काम कैश में होने लगा है| पहले सिर्फ चूज़ा कैश में मिलता था लेकिन अब फीड दवाई भी कैश में मिलने लगे| इसी लिए ब्रायलर प्रोडक्शन काफी कम हो गया है लेकिन डिमांड पहले जैसी होने लगी है जिससे मार्किट पिछले एक डेड़ महीने से काफी तेज़ है और यह स्थिति अगले एक साल या उससे भी अधिक रहने की उम्मीद है|
पहले फीड जब क्रेडिट में लिया जाता था, तब सोचना पड़ता था की अपना फीड बनाये या नहीं लेकिन अब जब फीड लो या फीड बनाने का सामान सब कैश में ही लेना है तो अपना फीड बनाना ही सबसे फायदे का सौदा है|
फीड में पड़ने वाले सामान का दाम चाहे कुछ भी हो अपना फीड कम से कम 4 से 5 रूपए सस्ता पड़ता है| इसका मतलब ये हुआ की 5000 के एक बैच में जिसमे बर्ड का वेट सवा दो किलो का किया जाता है अपना फीड बनाने पर वो लगभग सत्तर हज़ार रूपए कम का बनता है|
ये बात भी देखने में आई है की जो फार्मर अपना फीड बनाते हैं उनकी पोल्ट्री बिज़नस में टिकने की कैपेसिटी अधिक होती है कोरोना में भी ऐसे ही हुआ, जैसे ही हालात थोड़े सुधरे अपना फीड बनाने वालो ने तुरंत चिक्स डाल दिया| आगे भी यही होगा जो अपना फीड बनायेगा उसके पोल्ट्री बिज़नस में रहने के चांस अधिक होंगे| इंटीग्रेशन से भी फार्मर त्रस्त हो चुके हैं, पोल्ट्री या लाइवस्टॉक व्यवसाय में तर्रकी की पहली सीडी खुद का फीड है|
अपना फीड बनाने के लिए तीन बातो की ज़रूरत पड़ती है
- फीड बनाने का सामान जैसे मक्का, सोया, एमिनो एसिड और एनी दवाइयां
- फीड बनाने की मशीन जिसे हैमर मिल कहा जाता है
- फीड का फार्मूला
तीनो चीज़ ज़रूरी है और किसी का महत्त्व किसी से कम नहीं है
मक्का और सोया की क्वालिटी और उसमे सभी दवाइयों और तत्वों की सही मात्रा होना बहुत आवश्यक है इसलिए बैलेंस फीड फोर्मुले की आवश्यकता होतो है
साथ ही साथ हैमर मिल का होना भी ज़रूरी होता है, आम आटा चक्की मक्का को रगड़ कर उसका आटा बना देती है जबकि हैमर मिल मक्का के दाने को तोड़कर छोटा कर देती है जो मुर्गी के लिए उपयुक्त होता है|
फीड मशीन का दूसरा पार्ट होता है मिक्सर, यह उतना ही ज़रूरी होता है जितनी हैमर मिल| हालाँकि अधिकतर फार्मर इसको इतनी तवज्जो नहीं देते और इसे खरीदते भी नहीं|
सही से मिक्सिंग करना पोल्ट्री फीड बनाने की प्रक्रिया का अहम् हिस्सा होता है, यदि मिक्सिंग ठीक से न हुई हो तो फीड अच्छा परफॉर्म नहीं करता जिसका असर FCR पर दिखता है|
यहाँ हम सस्ती हैमर फीड मिल वर्टीकल मिक्स़र के बारे में आपको बताएँगे और जो की अप इस विडियो में देख सकते हैं
5000 से लेकर 20000 तक की पोल्ट्री इस मशीन से बखूबी पाली जा सकती है|
आम तौर से नए फार्मर्स को मशीन लेने में दिक्कत होती है क्यूंकि वह लाख डेड़ लाख रूपए से ऊपर की होती है और फार्मर ये सोच कर कन्फ्यूज़न में रहता है की कहीं वो फीड अगर न बना पाया तो क्या होगा फार्मूला कहाँ से मिलेगा और फीड बना भी लिया तो क्या वो FCR मिल पायेगा जो कंपनी के पेलेट फीड से मिलती है|
यहाँ मेरे नज़र में एक ग्राइंडर मशीन आई जो कुछ फार्मर इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी कीमत बहुत कम है और आसानी से मैश फीड बना देती है|
ग्राइंडर की कीमत 12 से 15 हज़ार के दरमियान होती है, इसमें मोटर नहीं होती वो अलग से खुद लेकर लगनी होती है| इसमें सिंगल फेज़ 3 से 5 एच.पी की मोटर लग जाती है जिसकी कीमत 10-15 हज़ार तक होती है| यह एक घंटे में 500 किलो मैश फीड तैयार कर देती है|
अधिकतर फार्मर सिर्फ ग्राइंडर लेते हैं और मिक्सर को इग्नोर कर देते हैं जबकि मिक्सर भी उतना ही ज़रूरी होता है और फार्मर चाहे हाथ से कितना भी मिक्स कर ले मिक्सर जैसे मिक्स नहीं कर पाता इससे परफॉरमेंस और FCR पर बहुत फर्क पड़ता है|
मिक्सर दो तरह के आते हैं एक हॉरिजॉन्टल मिक्सर और दूसरा वर्टीकल मिक्सर, हॉरिजॉन्टल मिक्सर सूखे फीड या दवाइयों को मिक्स करने के लिए तो अच्छा होता है लेकिन तेल मिक्स करने में थोड़ी दिक्कत आती है| इसलिए वर्टीकल मिक्सर ठीक रहता है
इसमें एक फायदा ये होता है की ग्राइंडर से पिसने के बाद डायरेक्ट मिक्सर में चला जाता है और अलग से लेबर की ज़रूरत नहीं पड़ती और मिक्सर से निकाल कर डायरेक्ट फीड बैग में भरा जा सकता है|
इस मिक्सर में मोटर लगी हुई आती है और इसकी कीमात लगभग 36000 रूपए तक होती है|
इस तरह GST वगेरा लगा कर 70 हज़ार तक में पूरी फीड मिल लगायी जा सकती है|
इसकी इकोनॉमिक्स ये है की 5000 मुर्गियों के एक बैच में मिल लगाने से जो फीड की कास्ट कम होगी वो इस मशीन के बराबर होगी मतलब सिर्फ एक बैच में ही मशीन फ्री हो जायेगी उस बैच में जो मुनाफा होगा वो अलग
बाकी चीजों की कीमत यदि एक ही रहे जैसे चिक्स, दवाई, लेबर आदि
फीड बहार से लेने पर | खुद फीड बनाने पर |
आज के रेट्स के हिसाब से 28 रूपए किलो फीड मिलेगा
दो किलो मुर्गा होने के लिए तीन किलो फीड लगेगा
यहाँ टोटल फीड की लागत आयेगी 4 लाख 20 हज़ार |
13 रूपए मक्का और 38 रूपए सोया मिलने पर फीड की तय्यारी आयेगी 23 रूपए
FCR लगभग एक जैसा रहता है
यहाँ टोटल फीड की लागत आयेगी 3 लाख 45 हज़ार |
खुद का फीड बनाने पर लगभग 75 हज़ार रूपए बचेंगे, जिससे मशीन के पैसे एक से दो बैच में फ्री हो जायेंगे
(फीड फार्मूला बनाने की विधि देखने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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