दूध धारा
पशुओं में दूध बढ़ाने और उन्हें स्वस्थ रखने का फार्मूला
किसान भाइयों के लिए संक्षिप्त जानकारी
नोट – अंत में किसानो द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब भी दिए गए हैं
किसान भाइयों गाय भैंसों में कम दूध और फैट SNF की समस्या से तो आप सब वाकिफ ही हैं| दूध उतपादन कई सारे कारकों पर निर्भर करता है जैसे ब्यात के समय पशु का वज़न, ब्यात के बाद और पहले की खिलाई पिलाई, जेर का फसना या मिल्क फीवर और केटोसिस जैसी बीमारियाँ पशु को तोड़ कर रख देतीं हैं| इसके अलावा ख़राब और असंतुलित दाना चारा भी पशु के दूध उत्पादन में बाधा उत्पन्न करते हैं| ऐसे में फीड को पशु ठीक से पचा नहीं पाता और उसका पाचन तंत्र बिगड़ जाता है जिसका असर उसके लीवर पर पड़ता है और उत्पादन गिरता चला जाता है| जिससे पशु की उत्पादन आयु घट जाती है और समय से पहले ही बेकार हो जाता है| ऐसे में किसान कई सारे नुस्खे अपनाता है और तरह तरह की महंगी महंगी दवाइयां और टॉनिक पशु को देने लगता है पर क्यूंकि पशु का पाचन तंत्र और लीवर गड़बड़ होता है इसलिए पशु पर उन दवाइयों का खास असर नहीं पड़ता|
जब किसान भाई पशु में दूध बढ़ाने के उदेश्य से दाना बढ़ाते है तो गोबर पतला होने लगता है और कभी कभी ऐसा लगता है जैसे पशु को दस्त लग गए हों, पतले गोबर का मतलब यह होता है की पेट में अधिक मात्रा में जीवाणु पनप रहे हैं और शरीर फीड मे से पर्याप्त पोशक तत्व नहीं खींच पाया| इस तरह से किसान का दिया हुआ कीमती और महंगा फीड व्यर्थ चला जाता है| पर्याप्त पोषण न मिल पाने के कारण उत्पादन घटने लगता है|
पशु के फीड में विभिन प्रकार के टोक्सिन भी पाए जाते हैं जो की पशु के लीवर में जमा होते रहते हैं और इनका बहुत गहरा असर पशु की इम्युनिटी यानि रोगों से लड़ने की क्षमता पर भी पड़ता है| यह टोक्सिन दूध में भी आते हैं मनुष्यों के लिए खतरनाक होते हैं|
पशु की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए हमें उसके दूध को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के बढ़ाने की आवश्यकता होती है ऐसे में यदि हम पशु को दी जाने वाले फीड की पचाकता को बढ़ा दें तो पशु उसी दाने चारे में अधिक दूध देने लगता है और ऐसे में न सिर्फ पशु से प्राप्त होने वाला मुनाफा बढ़ता है बल्कि पशु स्वस्थ भी रहता है|
अब यदि हम सिर्फ पाचन तंत्र को ठीक करके लीवर के काम को सुचारू कर दें तो पशु पचाये गये फीड में से अधिक मात्रा में पोशक निकाल लेता है जिसका असर उसके दूध उपादान, फैट, SNF की मात्रा और पशु के स्वास्थ पर साफ तौर से देखा जा सकता है|
दूध धारा इन्ही सब बातो को ध्यान में रखकर तजुर्बेकार डॉक्टर्स द्वारा बनाया गया आर्गेनिक प्रोडक्ट है| जो की पाचन तंत्र को निम्न प्रकार से ठीक कर के फायदा पहुंचाता है
- यह पशु के पेट में रहने वाले हानिकारक और बीमारी करने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर देता है और उन्हें लीवर तक नहीं पहुँचने देता
- हानिकारक जीवाणु मरने से गोबर पतला नहीं रहता और शरीर को उसमे से अधिक पोषण निकालने का अवसर मिल जाता है
- यह लीवर में जाकर उसकी कोशिकाओं को नयी स्फूर्ति देता है और लीवर के स्वास्थ को ठीक करके पाचन को और मज़बूत बनाता है
- दूध धारा आंतो की सूजन को कम करके आंतो की पोषण को अवशोषित करने की शक्ति को बढ़ाता है
- दूध धारा के विशेष तत्व फीड के टोक्सिन्स को भी बांधने की क्षमता रखते हैं और पशु की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है, यह देने के बाद टोक्सिन बाइंडर देने की आवश्यकता नहीं रहती|
आपके सवाल
- दूध धारा क्या काम करता है ?
दूध धारा बिना किसी विशेष अतिरिक्त फीड के दूध उत्पादन बढ़ाता है, फैट SNF को इम्प्रूव करता है और पशु का वज़न बढ़ाने में मदद करता है और इम्युनिटी को मज़बूत करता है|
- दूध धारा से कितना फायदा होता है?
दूध धारा 10 से 15% तक दूध में वृद्धि करता है परन्तु यह वृद्धि नए ब्याये पशुओं में अधिक होती है जैसे जैसे पशु की ब्यात पुरानी होती जाती है वृद्धि पहले की अपेक्षाक्रत कम हो जाती है|
- दूध धारा किस सिधांत पर काम करता है?
यह दो बिन्दुओं पर काम करता है
पशु के पेट में कई तरह के हानिकारक जीवाणु और ज़हरीले पदार्थ होते (जिन्हें मायकोटोक्सिन) कहते हैं| दूध धारा उन्हें नष्ट करके पेट के स्वास्थ की रक्षा करता है पाचन तंत्र को मजबूत करता है
दूसरा यह की मज़बूत पाचन तंत्र फीड में से अधिक पोशक तत्वों को निकाल लेता है जो शरीर में जाकर उतपादन बढ़ाते हैं
- दूध धारा में क्या है ?
दूध धारा में उर्जा, प्रोटीन और कुछ प्रीबायोटिक पदार्थ हैं जो की बिलकुल ओर्गानिक और नेचुरल तत्वों से बना है|
- दूध धारा का असर कितने दिन में दिखता है?
दूध धारा को आपको रोज़ाना इस्तेमाल करना होता है और जिस समय पहले दिन दें रोज़ाना फिर उसी समय देना चाहिए, यदि पशु बीमार नहीं है और पेट में कीड़ो की मात्रा बहुत ज़्यादा नहीं है तो हफ्ते भर में असर दिखने लगता है
- क्या यह पशु की भूक पर भी असर डालता है?
जी हाँ बिलकुल, दूध धारा पशु की भूक बढ़ाने में मदद करता है
- दूध धारा का कॉस्ट बेनिफिट रेश्यो क्या है?
हालाँकि यह निर्भर करता है की पशु अपने उत्पादन के किस काल में है लेकिन फिर भी औसतन प्रत्येक रूपये के निवेश पर 3 रूपए तक वापस मिल जाते हैं, स्वास्थ में आये सकारात्मक बदलाव अलग होते हैं|
- क्या बड़े पशुओं और बछड़ो के दस्तों में दूध धारा को इस्तेमाल किया जा सकता है?
जी हाँ दोनों तरह के पशुओं में दस्तों के दौरान दूध धारा को इस्तेमाल किया जा सकता है| बछड़ो को 2.5 से 3 ग्राम की डोज़ और बड़े पशुओं को 10 ग्राम की डोज़ दस्तों की तीव्रता के हिसाब से दिन में एक या दो बार दे सकते हैं|
- क्या बछड़ो में वज़न बढ़ाने के लिए दूध धारा का उपयोग किया जा सकता है? क्या इसके बाद और सप्लीमेंट देने की आवश्यकता नहीं होती?
जी हाँ दूध धारा बछड़ो में भी वज़न बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होता है और यह बछड़ो में दस्तो से होने वाली मृत्युदर को भी कम हो जाती है| यह 2.5 से 3 ग्राम की डोज़ से शुरू करें और धीरे धीरे वज़न बढ़ने के साथ डोज़ बढ़ाते चले जायें, अधिकतम डोज़ बड़े पशु के लिए 10g काफी होती है| यह देने के बाद मिनरल मिक्सचर और विटामिन के अलावा कुछ देने की आवश्यकता नहीं रहती|
- दूध धारा की किस तरह खिलाना होता है?
दूध धारा एक पाउडर के रूप में होता है जिसे रोज़ाना एक वयस्क पशु को 10 ग्राम देना होता है, पैकेट में एक 5 ग्राम का चम्मच होता है उसी से डोज़ नापी जाती है| यह आप डायरेक्ट पशु के मुह में डाल दें या थोड़े पानी में मिला कर बोतल से पिला दें| यह याद रखें की पूरी मात्रा पशु के पेट में जनि चाहिए |
- क्या अधिक उत्पादन वाले पशुओं को दूध धारा की अधिक डोज़ देनी चाहिए?
पशु का उत्पादन चाहे कितना भी हो 10 ग्राम डोज़ काफी रहती है यह सभी वयस्क पशुओं के लिए पर्याप्त है|
- दूध धारा कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
दूध धारा के लिए 8920253645 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं| व्हाटसएप करने के लिए यहाँ क्लिक करें| यह देश के किसी भी कोने में कूरियर द्वारा पहुँचाया जा सकता है|