मिनरल पोषण डेरी पशुओ में एक अहम् जगह रखता है| मिनरल पशु पोषण के पांच स्तंभों में से एक हैं| मिनरल 2 तरह के होते हैं एक मैक्रो मिनरल जो अधिक मात्रा में चाहिए होते हैं जैसे, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटैशियम आदि और दूसरे माइक्रो मिनरल जो कम मात्रा में चाहिए होते हैं| माइक्रो का मतलब ये नहीं है की इन मिनरल की अहमियत कम होती बल्कि इनकी आवश्यकता ही शरीर के अन्दर कम होती है|
मिनरल मिक्सचर का पशु के स्वास्थ में जो महत्त्व होता है वह किसी से ढका छुपा नहीं है परन्तु मिनरल मिक्सचर के अधिक दाम किसानो के मिनरल का लाभ नहीं उठाने देते| इस संलेख में हम मिनरल पोषण और घर पर किस तरह सस्ता मिनरल बना सकते हैं उसके बारे में बताया जायेगा|
पशु के आहार में लगातार मिनरल देने से न सिर्फ पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है बल्कि उत्पादन को बढ़ा कर पशु की प्रजनन क्षमता को भी दुरुस्त करता है|
भारत में मिनरल मिक्सचर का मार्किट बहुत बड़ा है जिसका सही सही अनुमान लगाना बहुत कठिन है पर यदि मोटा मोटा आंकलन किया जाये तो ये हमें देखना होगा की भारत में गाय भैंसों की संख्या लग भग 30 करोड़ है यदि 10% पशुओं को भी मिनरल दिया जाता हो तो 3 करोड़ पशु मिनरल मिक्सचर खाते हैं 50ग्राम डोज़ प्रत्येक पशु को जाती है तो डेली लगभग 15 लाख किलो मिनरल मिक्सचर देश में इस्तेमाल होता है यदि इसे 150 रूपए किलो भी माना जाये तो सालाना 8 से 10 हज़ार करोड़ का कारोबार सिर्फ मिनरल मिक्सचर का ही होता है| ये हाल तब है जब 90% पशुओं में मिनरल्स की कमी पाई जाती है|
हमारे यहाँ मिनरल मिक्सचर में साथ में विटामिन भी मिलाये जाते हैं, यह विटामिन सिर्फ नाम मात्र को मिलाये जाते हैं क्यूंकि इनसे पशु की 10% भी आपूर्ति नहीं होती यह बस मार्केटिंग का एक तरीका होता है| इससे पैक पर लिखे हुए तत्वों की संख्या बढ़ जाती है जो खरीदने वाले को प्रभावित करती है|
यदि डेली डोज़ के हिसाब से मिनरल मिक्सचर का खर्चा लगाया जाये तो लगभग साड़े सात से नौ रूपए तक का खर्चा इसमें होता है| जबकि इन प्रोडक्ट्स में 95% से अधिक तो केल्साइट पाउडर और डीसीपी होता है जिसकी कीमत 3 से 5 रूपए किलो ही होती है| यह मैक्रो मिनरल जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी को दूर करते हैं परन्तु अतिरिक्त मिनरल बहुत कम मात्रा में पड़े होते हैं| यदि माइक्रो मिनरल्स (जिन्हें ट्रेस मिनरल भी कहा जाता है) को अलग से लेकर खिलाया जाये तो प्रति पशु प्रति दिन की कीमत 1 से 2 रूपए के बीच आती है| मिनरल मिक्सचर के खर्चे में यह गिरावट करीब 400% तक की होती है| जब खर्चा कम हो जाता है तो फिर मिनरल्स रेगुलर दिए जाने लगते हैं, जिससे पशु का स्वास्थ सुधरता है और उत्पादन बढ़ता हैं|
इसेलिए घर पर मिनरल मिक्सचर बनाना सबसे आवश्यक काम हो जाता है और ये जब और महत्त्व पूर्ण हो जाता है जब आपके पास पशु अधिक संख्या में हों| अपने घर मैं मौजूद मामूली मिक्सी के ग्राइंडर में भी मिनरल मिक्सचर आसानी से तयार किया जा सकता है|
मिनरल मिक्सचर बनाने के लिए हमें फीड ग्रेड के प्योर साल्ट्स की ज़रूरत पड़ती है| मार्किट में कई तरह के मिनरल्स मिलते हैं जिनमे एनालिटिकल से लेकर फ़र्टिलाइज़र ग्रेड तक के मिनरल साल्ट्स मिलते हैं| इसी हिसाब से इनके रेट्स भी होते होते हैं एनालिटिकल ग्रेड सबसे महंगा और फ़र्टिलाइज़र सबसे सस्ता होता है कई बार लोग सस्ते के चक्कर में या अनजाने में फ़र्टिलाइज़र ग्रेड के केमिकल ले लेते हैं जो फायदे की जगह नुकसान कर देते हैं क्यूंकि उनमे अन्य केमिकल की इम्पुरिटी पाई जाती है जो की पशु को नुक्सान पहुंचा सकती है| फीड ग्रेड के साल्ट इस्तेमाल करना ठीक रहता है|
एक बार साल्ट लेने के बाद फ्हिर उनके अन्दर प्योर एलिमेंट का पता लगाना होता है जैसे फेरस सलफेट में आयरन की मात्रा कुल 20% होती है यदि हमें मिनरल मिक्सचर में 20ग्राम आयरन चाहिए तो हमें 100 ग्राम फेरस सलफेट मिलाना होगा उसके बाद मसला आता है बायोअवैलाबिलिटी का जिसका मतलब होता है की खून में कितना अवशोषित होता है| यदि फेरस सलफेट में आयरन की बायोअवैलाबिलिटी 80% है तो 20% आयरन सलफेट और बढ़ाना पड़ेगा| इसी तरह सब मिनरल्स की आवश्यकता ऐसे ही पता चलती है|
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